Why does bowel movement stop during pregnancy? गर्भावस्था के दूसरे और तीसरे महीने में कब्ज या शौच बंद होना सामान्य समस्या है। जानिए इसके कारण, लक्षण, और सुरक्षित घरेलू उपाय जो गर्भवती महिलाओं को राहत दिला सकते हैं।
🪷Why does bowel movement stop during pregnancy?
गर्भावस्था का दूसरा और तीसरा महीना हर महिला के लिए एक नया अनुभव लेकर आता है। इस समय शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो न केवल मूड और ऊर्जा स्तर पर असर डालते हैं बल्कि पाचन तंत्र को भी प्रभावित करते हैं।
इन महीनों में कब्ज (Constipation) या शौच बंद होना एक बहुत आम समस्या है, जिससे लगभग 60% गर्भवती महिलाएँ जूझती हैं।
🌸 प्रेगनेंसी में शौच बंद क्यों होता है? (मुख्य कारण)
1. हार्मोनल बदलाव (Hormonal Changes)
गर्भावस्था के दौरान शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। यह हार्मोन गर्भाशय को रिलैक्स करता है ताकि बच्चा आराम से बढ़ सके, लेकिन साथ ही यह आंतों की गति (bowel movement) को भी धीमा कर देता है।
इससे खाना धीरे पचता है और मल (stool) सख्त होकर बाहर निकलने में कठिनाई होती है।
2. आयरन और कैल्शियम सप्लीमेंट्स
अधिकांश महिलाएँ इस समय आयरन की गोलियाँ (iron supplements) लेती हैं ताकि एनीमिया न हो। लेकिन आयरन शरीर में अवशोषित नहीं हो पाता और कब्ज पैदा करता है।
कैल्शियम सप्लीमेंट्स भी यही असर डालते हैं।
3. कम शारीरिक गतिविधि (Low Physical Activity)
गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में महिलाएँ थकान, उल्टी या कमजोरी के कारण ज्यादा आराम करती हैं। इससे पाचन तंत्र सुस्त हो जाता है और शौच की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है।
4. पानी की कमी (Dehydration)
अगर शरीर में पानी की मात्रा कम होती है तो मल सख्त हो जाता है, जिससे पेट साफ नहीं होता।
5. आहार में फाइबर की कमी (Low Fiber Diet)
रोजमर्रा के खाने में फाइबर की मात्रा कम होना भी एक मुख्य कारण है। फाइबर पाचन को सुचारू रखता है और कब्ज से बचाव करता है।
🌿 प्रेगनेंसी में कब्ज के लक्षण (Symptoms of Constipation in Pregnancy)
- पेट भारी और फूला हुआ महसूस होना
- रोजाना शौच न होना या कठिनाई होना
- पेट में दर्द या गैस बनना
- मिचली और भूख कम लगना
- मल त्याग के समय दबाव महसूस होना
🌼 शौच बंद होने पर क्या करें? (Natural Remedies for Relief)
1. 🥦 फाइबर युक्त आहार लें
अपने आहार में साबुत अनाज, दालें, सब्जियाँ, फल (जैसे पपीता, अमरूद, सेब, संतरा) शामिल करें।
➡️ टिप: दिन में कम से कम 25–30 ग्राम फाइबर जरूर लें।
2. 💧 पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं
दिनभर में 8–10 गिलास पानी पीने की आदत डालें। गर्म पानी पीना सुबह खाली पेट विशेष रूप से फायदेमंद होता है।
3. 🚶♀️ हल्की शारीरिक गतिविधि करें
सुबह या शाम को हल्की वॉक करना न केवल पाचन सुधारता है बल्कि शरीर में ऊर्जा भी बनाए रखता है।
➡️ ध्यान दें: डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भारी व्यायाम न करें।
4. 🥛 गुनगुना दूध और घी का सेवन करें
रात में सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच देसी घी मिलाकर पीने से मल त्याग आसान होता है।
5. 🍋 नींबू-पानी या गुनगुना पानी में शहद
सुबह खाली पेट नींबू-पानी या गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से पेट साफ रहता है।
6. 🌾 इसबगोल का सेवन (Doctor Advice के बाद)
यदि कब्ज ज्यादा बढ़ जाए तो डॉक्टर की सलाह से इसबगोल की भूसी रात में दूध या पानी के साथ ली जा सकती है।
⚠️ कब डॉक्टर से संपर्क करें?
अगर नीचे दिए लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें:
- तीन दिन से अधिक शौच न होना
- पेट में तेज दर्द या ऐंठन
- मल में खून आना
- अत्यधिक उल्टी या कमजोरी महसूस होना
डॉक्टर आपकी स्थिति देखकर फाइबर सप्लीमेंट, सुरक्षित लैक्सेटिव्स, या डाइट प्लान सुझा सकते हैं।
3️⃣ केस स्टडीज (Case Studies)
🩷 केस 1: निशा शर्मा, दिल्ली
निशा 28 वर्ष की गर्भवती महिला थीं। दूसरे महीने में उन्हें रोज़ पेट दर्द और शौच की परेशानी होने लगी। डॉक्टर ने बताया कि आयरन की गोलियाँ इसका कारण हैं।
उन्होंने डॉक्टर की सलाह से फाइबरयुक्त आहार और गुनगुना पानी अपनाया — सिर्फ़ 10 दिनों में उन्हें काफी राहत मिली।
🌿 केस 2: रीता गुप्ता, जयपुर
रीता तीसरे महीने में थीं और कब्ज इतना बढ़ गया कि उन्हें गैस और भारीपन महसूस होता था।
डॉक्टर ने हल्की वॉक और रात में दूध में घी मिलाने की सलाह दी।
अब उनका पाचन बिल्कुल सामान्य है और गर्भावस्था आरामदायक हो गई है।
4️⃣ यूज़र अनुभव (User Experiences)
👩🍼 “मैंने सुबह नींबू-शहद वाला पानी पीना शुरू किया और दिनभर पर्याप्त पानी पीने लगी। अब मुझे शौच की समस्या नहीं होती।” — प्रीति, लखनऊ
👩🍼 “थोड़ी वॉक और रात में गर्म दूध में घी से मुझे बहुत राहत मिली। अब पेट हल्का महसूस होता है।” — सुजाता, नागपुर
5️⃣ Myth vs Fact (मिथक बनाम सच्चाई)
| ❌ मिथक (Myth) | ✅ सच्चाई (Fact) |
|---|---|
| प्रेगनेंसी में कब्ज होना खतरनाक है। | हल्का कब्ज सामान्य है, लेकिन ज्यादा बढ़े तो डॉक्टर से सलाह लें। |
| पानी ज्यादा पीने से सूजन बढ़ेगी। | पानी शरीर को हाइड्रेट रखता है और कब्ज दूर करता है। |
| आयरन की दवाइयाँ रोक देनी चाहिए। | कभी भी डॉक्टर की सलाह के बिना दवा न रोकें। |
| फल खाने से पेट में दर्द होता है। | फाइबर वाले फल कब्ज को कम करते हैं। |
6️⃣ एक्सपर्ट टिप्स (Expert Tips by Ayurvedic & Gynec Experts)
🩺 डॉ. मीनाक्षी वर्मा (गायनोकॉलजिस्ट):
“गर्भावस्था में कब्ज को हल्के में न लें। हर महिला को रोज़ाना कम से कम 8 गिलास पानी, फाइबरयुक्त भोजन और हल्की वॉक को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए।”
🌿 आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. राजेश मिश्रा:
“रात में दूध में देसी घी, या सुबह गर्म पानी में नींबू-शहद, दोनों ही प्राकृतिक रेचक (laxative) हैं और गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित हैं।”
7️⃣ Quick Tips (जल्दी राहत के 7 उपाय)
- सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुना पानी पिएं।
- आहार में पपीता, अमरूद, ओट्स और सलाद शामिल करें।
- रोज़ाना हल्की वॉक करें।
- अत्यधिक तले, मसालेदार और जंक फूड से बचें।
- आयरन की दवा के साथ खूब पानी पिएं।
- सोने से पहले दूध में आधा चम्मच घी मिलाकर पिएं।
- तनाव न लें और पूरी नींद लें।
8️⃣ निष्कर्ष (Conclusion)
गर्भावस्था के दौरान कब्ज या शौच बंद होना शरीर में हो रहे प्राकृतिक बदलाव का हिस्सा है।
थोड़ी सावधानी, सही भोजन और डॉक्टर की सलाह से इस समस्या को आसानी से दूर किया जा सकता है।
याद रखें, आपका पाचन स्वस्थ रहेगा तो आपका बच्चा भी स्वस्थ रहेगा। 🌼
9️⃣ सैंडी का विशेष संदेश (Message from Sandy 💬)
प्रिय पाठक,
गर्भावस्था एक पवित्र अनुभव है — इसमें शरीर को समझना और उसकी देखभाल करना बेहद ज़रूरी है।
अगर शौच बंद होने जैसी समस्या आए, तो डरें नहीं, बल्कि संतुलित आहार, पानी, और सकारात्मक सोच अपनाएँ।
आपकी मुस्कान ही आपके बच्चे की पहली खुशी है। ❤️
सदैव स्वस्थ और खुश रहें।
– आपका साथी, Sandy
🔟 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. क्या प्रेगनेंसी में शौच बंद होना सामान्य है?
👉 हाँ, यह बहुत सामान्य है, खासकर दूसरे और तीसरे महीने में।
Q2. क्या इससे बच्चे को कोई नुकसान होता है?
👉 नहीं, सामान्य कब्ज हानिकारक नहीं है, लेकिन लंबे समय तक रहे तो डॉक्टर से सलाह लें।
Q3. क्या नींबू पानी पीना सुरक्षित है?
👉 हाँ, सुबह खाली पेट नींबू पानी या शहद के साथ गुनगुना पानी बहुत फायदेमंद है।
Q4. क्या फाइबर सप्लीमेंट लेना सही है?
👉 डॉक्टर की सलाह से ही लें। इसबगोल जैसी प्राकृतिक चीजें बेहतर हैं।
Q5. क्या आयरन की गोली बंद करनी चाहिए?
👉 नहीं, केवल डॉक्टर की सलाह पर ही किसी दवा को बंद करें।
Q6. क्या घरलू उपाय हर किसी पर काम करते हैं?
👉 हर शरीर की स्थिति अलग होती है। सही उपाय चुनने के लिए डॉक्टर से मार्गदर्शन लें।
Q7. क्या योग या वॉक कब्ज में मदद करता है?
👉 हाँ, हल्की वॉक और प्रेगनेंसी योग पाचन को सक्रिय रखते हैं।
⚠️ डिस्क्लेमर (Disclaimer)
इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और जागरूकता उद्देश्यों के लिए है। इसका उद्देश्य किसी भी चिकित्सा उपचार या पेशेवर सलाह को बदलना नहीं है।
गर्भावस्था से जुड़ी किसी भी समस्या या लक्षण के लिए हमेशा अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ (Gynecologist) या प्रमाणित डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
वेबसाइट या लेखक (Sandy) इस जानकारी के उपयोग से होने वाले किसी भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।
🩺 सेफ्टी नोट (Safety Note)
- गर्भावस्था के दौरान किसी भी घरेलू उपाय को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लें।
- यदि 3 दिनों से अधिक शौच न हो, पेट में दर्द, गैस या खून आना जैसी समस्या हो, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
- किसी भी प्रकार के लैक्सेटिव्स (Laxatives), आयुर्वेदिक दवाओं या सप्लीमेंट्स का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना न करें।
- पानी, फाइबर और आरामदायक जीवनशैली सबसे सुरक्षित उपाय हैं।
📚 Sources & Medical References (विश्वसनीय स्रोत):
- Mayo Clinic – Constipation during pregnancy: Causes and Relief
- National Institutes of Health (NIH) – Iron supplements and constipation
- American Pregnancy Association – Constipation in Pregnancy
- Healthline India – Pregnancy Constipation: Natural Remedies
- Ayush Portal, Government of India – Ayurvedic Guidelines in Pregnancy
इन सभी स्रोतों का उद्देश्य है — गर्भावस्था के दौरान पाचन समस्याओं के वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक पहलुओं को प्रमाणिक रूप से समझाना।
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सैंडी एक अनुभवी स्वास्थ्य और जीवनशैली ब्लॉगर हैं, जो गर्भावस्था, मातृत्व और महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े विषयों पर जानकारी साझा करते हैं। उनके लेख वैज्ञानिक शोध और वास्तविक अनुभवों पर आधारित होते हैं, जिससे पाठकों को सही और विश्वसनीय जानकारी मिल सके। उनका लक्ष्य गर्भवती महिलाओं और नई माताओं को स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने में सहायता करना है।
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